दक्षिण चीन सागर और भारत
इससे पहले की हम दक्षिण चीन सागर के बारे में बातचीत करें यह जानना जरूरी है कि हमारे लिए दक्षिण चीन सागर की क्या अहमियत है ? एक ऐसी जगह जो हमारे देष से काफी दूर है और जिससे हमारी कोई सीमाएं नहीं लगती हैं वह चीन के प्रति हमारे लिए सामरिक दृष्टि से किस प्रकार महत्वपूर्ण है ?
दक्षिण चीन सागर, चीन के दक्षिण में और इंडोनेषिया के उत्तर में 36 लाख स्क्वेयर किलोमीटर का इलाका है। यह पूरा इलाका पेट्रोलियम उत्पादों जैसे पेट्रोल और नेचुरल गैस से भरा हुआ है। एक अंदाजे के मुताबिक यहाँ पर इतना पेट्रोलियम उत्पाद है कि चीन के अगले 50 साल तक की आपूर्ति कर सकता है। भारत की ओ.एन.जी.सी. कम्पनी समुद्र से पेट्रोलियम उत्पाद निकालने के लिए विष्व प्रसिद्ध है।
दक्षिण चीन सागर में चीन के अलावा दूसरे देष जैसे फिलिपिंस, ब्रूनई, मलेषिया, इंडोनेषिया, वियतनाम इत्यादि इतने उन्नत नहीं हैं कि वह अपने बलबूते पर इस इलाके से पेट्रोलियम उत्पादों का खनन कर सकें। हमें इन देषों के साथ मिलकर उत्पाद साझा करने की नीति अपनाते हुए कार्य करने की जरूरत है।
इसके अलावा पूरे विष्व का करीब 10 प्रतिषत मत्स्य उद्योग इसी दक्षिण चीन सागर से होता है। वरना चीन तो नाइन-डेष लाइन के ऐतिहासिक और अकल्पनीय कानून का हवाला देते हुए पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना हक बताता है।
इस क्षेत्र से पूरे विष्व का 33 प्रतिषत समुद्री आवागमन होता है यानि करीब 5.3 खरब डाॅलर का वैष्विक व्यापार इस क्षेत्र से गुजरता है। इसलिए सामरिक और आर्थिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है।
चीन का लगभग 80 प्रतिषत आयातित तेल मलक्का जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) से होकर स्पार्टले और पैरासल द्विपसमूह के पास से गुजरते हुए दक्षिण चीन सागर में आता है और फिर मैनलैंड चाइना की आपूर्ति करता है। भारतीय जलसेना प्रभावषाली तरीके से आवष्यकता पड़ने पर मलक्का स्ट्रेट को बाधित कर सकती है जिससे चीन की पेट्रोलियम उत्पाद की आपूर्ति रूक जायेगी।
अगर हमें अपने आप को एक वैष्विक शक्ति के तौर पर दुनिया को दिखाना है तो दक्षिण चीन सागर में हमारी मौजूदगी और दखलअंदाजी बहुत जरूरी है। चीन इस बात को बखूबी जानता है और इसी के प्रतिरोध स्वरूप उसने सीपैक यानि चाइना पाकिस्तान इकोनोमिक कोरिडोर जिसके बारे में हम पिछले अंकों में बात कर चुके हैं, को अंजाम देना शुरू किया है।
पर चीन की किस्मत देखो, हमारे साथ अपने रिष्ते खराब करके वह दोनों तरफ से फंस गया है। सीपैक को हम गिलगित बाल्टिस्तान में या बलुचिस्तान में या फिर ग्वादर बंदरगाह पर बाधित कर सकते हैं और मलक्का स्ट्रेट को बाधित करने के लिए सक्षम भारतीय नौसेना हमेषा तत्पर है।